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संस्कृति का महत्त्व एवं प्रकार

संस्कृति का महत्त्व   संस्कृति समाज की धरोहर व हिरासत है , जिसे पीढ़ी - दर - पीढ़ी हस्तान्तरित करके जीवित रखा जाता है ।  • मानव के जीवन में संस्कृति ही वह पक्ष है , जो मानव को पशु  से भिन्न करती है अर्थात् संस्कृति ही मानव को वास्तव में मनुष्य बनाती है ।   • संस्कृति क्षणभंगुर नहीं होती । संस्कृति एक सार्वभौमिक क्रिया है , जो पीढ़ी दर पीढ़ी एक - दूसरे को विरासत के रूप में प्रदान की जाती है ।  • संस्कृति के द्वारा ही व्यक्ति के अन्दर सामाजिक गुणों का विकास होता है जिसके कारण मानव के व्यक्तित्व का विकास होता है ।  संस्कृति किसे कहते हैं समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा समाजशास्त्र की प्रकृति कर्म का सिद्धान्त कर्म का अर्थ एवं परिभाषा • संस्कृति में समय , स्थान समाज एवं परिस्थितियों के अनुरूप अपने आप को ढालने की क्षमता होती है यही गुण संस्कृति अपने सदस्यों को भी सिखाती है । • संस्कृति का निर्माण विभिन्न इकाइयों से मिलकर होता है । अतः संस्कृति संगठन व सन्तुलन की द्योतक है । • संस्कृति अपने सदस्यों के लिए आदर्श होती है । • संस्कृति के अन्तर्गत विशिष्टता...