धर्म (religion) क्या है ? मनुष्य सदैव से ही सांसारिक घटनाओं को बड़े रहस्यपूर्ण ढंग से देखता एवं समझता आया है । कुछ समस्यायें ऐसी होती हैं जो मनुष्य के नियन्त्रण में रहती हैं एवं कुछ समस्यायें ऐसी होती हैं जो मनुष्य के नियन्त्रण से परे होती हैं । इसी के परिणामस्वरूप मनुष्य का यह विश्वास रहा है कि एक अलौकिक शक्ति संसार की सम्पूर्ण घटनाओं का संचालन करती है । इसी शक्ति को मनुष्य ने अपनी श्रद्धा एवं आस्था का आधार निर्धारित किया । आदिकालीन मनुष्य का यह विश्वास था कि इस अलौकिक शक्ति को प्रसन्न करने से अनेक संकटों को दूर किया जा सकता है । आगे चलकर मनुष्य ने अलौकिक शक्ति के प्रति इस विश्वास को ही धर्म कहा । धर्म का अर्थ तथा परिभाषायें ( Meaning and Definitions of Religion ) धर्म क्या है ? के विषय में प्रसिद्ध समाजशास्त्री एडवर्ड टायलर ( Edward Tylor ) का मत है कि “ धर्म आध्यात्मिक शक्ति में विश्वास है । " अलौकिक शक्ति के इस विश्वास को मानव पूजा , आराधना एवं कर्मकाण्ड द्वारा प्रकट करता है । धर्म में यह विश्वास किया जाता है कि अलौकिक शक्ति , प्रकृति एवं मानव जीवन को नियन्त्...
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