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नवंबर, 2021 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

समिति किसे कहते हैं ?

समिति की परिभाषा मैकाइवर एवं पेज के अनुसार , “ समिति मनुष्यों का एक समूह है जिसे किसी सामान्य उद्देश्य या उद्देश्यों को प्राप्त करने के लिए संगठित किया जाता है । समिति  फेयरचाइल्ड के अनुसार , “ समिति एक ऐसा संगठनात्मक समूह है जिसका निर्माण सामान्य उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया गया है तथा जिसका अपना आत्मनिर्भर प्रशासकीय ढाँचा तथा कार्यकर्ता होते हैं ।  गिन्सबर्ग के अनुसार , “ समिति एक - दूसरे से सम्बद्ध सामाजिक प्राणियों का समूह है , जो इस सत्य पर संस्था किसे कहते हैं समुदाय किसे कहते हैं? नगर किसे कहते हैं? कस्बा किसे कहते है? आधारित है कि उन्होंने किसी निश्चित हित या हितों को पूरा करने के लिए एक सामान्य संगठन बनाया है । समिति की विशेषताएँ  1. मूर्तता- समिति समान उद्देश्य से प्रेरित एक संगठन सूत्र में बन्धे हुए मनुष्यों का समूह । समूह क्योंकि प्रत्यक्ष रूप से देखा जा सकता है इसलिए यह मूर्त है । समिति समान उद्देश्य से प्रेरित मनुष्यों का समूह है अतः समिति मूर्त है ।  2. निश्चित उद्देश्य- समिति का निर्माण कुछ उद्देश्यों की पूर्ति के लिए किया जाता है । उद्देश्य...

नगर किसे कहते हैं?

नगर का अर्थ नगर से अभिप्राय उस स्थान से है जहाँ जनसंख्या की अधिकता , श्रम विभाजन , विशेषीकरण , औपचारिक और द्वैतीयक सम्बन्ध , नियन्त्रण के औपचारिक साधनों की प्रधानता तथा लोगों का गैर - कृषि कार्यों में लगे होना है । ' नगर ' की परिभाषा देना अत्यन्त दुष्कर कार्य है । इसी आशय को प्रकट करते हुए बर्गल का कथन है कि , “ प्रत्येक व्यक्ति यह जानता प्रतीत होता है कि नगर क्या है , किन्तु किसी ने इसकी कस्बा किसे कहते है? अवधारणा किसे कहते है? आधुनिकता की परिभाषा और विशेषता समाजशास्त्र की प्रसिद्ध पुस्तकें एवं उनके लेखक सन्तोषजनक परिभाषा नहीं दी है । ” वास्तव में बर्गल का कथन यह सत्य ही है क्योंकि कोई भी विचारक यह निश्चित रूप से नहीं बता सका है कि कहाँ से नगर शुरू होता है और कहाँ पर समाप्त ? फिर भी अनेक विद्वानों ने ' नगर ' की परिभाषा करने का प्रयास किया है ।  संस्था किसे कहते हैं समुदाय किसे कहते हैं? समाजशास्त्र में पद्धति, प्रविधि,   नगर की परिभाषा लुइस वर्थ के अनुसार , " समाजशास्त्रीय दृष्टिकोण से एक नगर की परिभाषा सामाजिक भिन्नता वाले व्यक्तियों के बड़े , घने बसे हुए एवं स...

कस्बा किसे कहते है?

कस्बे का अर्थ ' कस्बा ' गाँव और नगर के बीच की स्थिति है । मोटे तौर पर कस्ब की संख्या गांव से अधिक किन्तु नगर से कम होती है । इसी प्रकार गाँव में कुछ इस प्रकार की वशेषताएँ आ जाती हैं जो प्रायः नगरों में पाई जाती हैं तो उसे कस्बा कहा जाता है । इसको इस रूप में भी कहा जा सकता है कि बड़े गाँव में जब नगरीय विशेषताओं का समावेश होने लगता है तो उसे कस्बे की संज्ञा दी जा सकती है ।  समाज किसे कहते हैं? सिद्धान्त किसे कहते हैं? सिद्धान्त के प्रकार गाँव,कस्बा और नगर में भेद  गाँव, कस्बा और नगर में भेद का आधार मुख्य रूप से जनसंख्या माना गया है । 1000 तक की आबादी वाली बस्ती को गाँव , 5,000 से 50,000 तक की आबादी वाली बस्ती को कस्बा तथा 50,000 से अधिक की बस्ती को नगर की संज्ञा दी जा सकती है । भारत में सन् 1901 की जनगणना में कस्बे की अवधारणा को Imperial Census Code के अनुसार स्पष्ट किया गया । इसके अनुसार ' कस्बे ' के आधार इस प्रकार हैं-  ( i ) किसी भी प्रकार की नगरपालिका हो ,  ( ii ) नगरपालिका के क्षेत्र में सिविल लाइन क्षेत्र न हो , ( iii ) सभी निवासी लगभग स्थायी हों ,  ( iv ) क...

प्रतीकात्मक अन्तःक्रिया

प्रतीकात्मक अन्तःक्रिया का अर्थ एवं परिभाषा अर्थबोध ( Meaning ) को प्रतीक ( Symble ) कहते हैं । आप हाथ के इशारे से किसी व्यक्ति को अपने पास बुलाते हैं । वह हाथ के इशारे का अर्थ समझकर आप के समीप आता है । यह प्रतीकात्मक पारस्परिक क्रिया है । इस प्रकार की पारस्परिक क्रिया इसलिए समरूप है कि दोनों व्यक्तियों के पास प्रतीकों को समझने के लिए मन ( Mind ) है , समझ है । मन व्यक्ति का होता है या व्यक्ति के पास होता , या यों कहे , मन ही व्यक्ति है । अगर व्यक्ति में अपना मन न होता तो क्या पारस्परिक क्रिया सम्भव होती ? ब्लूमर ने अपनी व्याख्या में कहा कि सामाजिक मनोवैज्ञानिक की बहुत बड़ी रुचि व्यक्ति के सामाजिक विकास को समझने में है । यहीं से प्रतीकात्मक अन्तःक्रियावाद का जन्म हुआ है । ब्लूमर ने एक नवजात शिशु के विकास को क्रमिक रूप से निरीक्षण का व्याख्या की और वे इस निष्कर्ष पर पहुँचे कि शिशु का समाज के साथ जो भी सम्बन्ध है वह प्रतीकों के माध्यम से है , जैसे माता - पिता को हंसते हुए देखता है वह भ हंसने लगता है या बच्चे को मुस्कराते हुए देखकर माता - पिता भी मुस्कराते हैं । बच्चे का रोना , बच्चे का खि...