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समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा

समाजशास्त्र का अर्थ

सोशियोलॉजी ( Sociology ) शब्द दो विभिन्न स्थानों के शब्दों के योग से बना है । इसका प्रथम शब्द सोशियस ( Socius ) है जो लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ ' समाज ' ( Society ) है । द्वितीय शब्द ' लोगस ' ( Logas ) है जो ग्रीक भाषा से लिया गया है तथा जिसका शाब्दिक अर्थ , शास्त्र अथवा विज्ञान ( Science ) है । अतः समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ ' समाज का शास्त्र ' अथवा ' समाज का विज्ञान ' है । इस सम्बन्ध में रॉबर्ट बीरस्टीड ( Robert Biersted ) का कहना है कि “ इस विज्ञान का नाम दो भाषाओं का एक अवैध सम्बन्ध है । " उपर्युक्त कथन से स्पष्ट होता है कि समाजशास्त्र वह विज्ञान है जो समाज का क्रमबद्ध ( Systematic ) तथा संगठित अध्ययन करता है । हम समाजशास्त्र में ' समाज ' शब्द से आशय ' मानव समाज ' से लगाते हैं । समाजशास्त्र मानव समाज का वैज्ञानिक अध्ययन करता है ।

समाजशास्त्र की परिभाषा

वार्ड के अनुसार , “ समाजशास्त्र समाज का वैज्ञानिक अध्ययन है । 

गिडिंग्स के अनुसार , “ समाजशास्त्र समग्र रूप से समाज का व्यवस्थित वर्णन और व्याख्या है । 

मैकाइवर एवं पेज के अनुसार , “ समाजशास्त्र सामाजिक सम्बन्धों के विषय में है , सम्बन्धों के इसी जाल को हम समाज कहते हैं । 

गिलिन और गिलिन के अनुसार , “ व्यक्तियों के एक - दूसरे के सम्पर्क में आने के फलस्वरूप उत्पन्न होने वाली अन्तर्क्रियाओं के अध्ययन को ही समाजशास्त्र कहा जा सकता है । 

जॉनसन के अनुसार , “ समाजशास्त्र सामाजिक समूहों का विज्ञान है , सामाजिक समूह अन्तःक्रियाओं की एक व्यवस्था है । 

समाजशास्त्र किस प्रकार का विज्ञान है ?

समाजशास्त्र एक सामाजिक , सैद्धांतिक तथ्यात्मक , अमूर्त तथा अनुभवात्मक सामान्य विज्ञान है । इसे निम्न प्रकार स्पष्ट किया गया है— 

( 1 ) समाजशास्त्र सामाजिक विज्ञान है - समाजशास्त्र में केवल सामाजिक घटनाओं का अध्ययन किया जाता है , प्राकृतिक घटनाओं का नहीं । इसलिये यह एक सामाजिक विज्ञान है । 

( 2 ) समाजशास्त्र सैद्धांतिक विज्ञान है - समाजशास्त्र का ध्येय सामाजिक जीवन के सिद्धान्तों का निर्माण करना है , न कि उन सिद्धांतों का व्यवहार में प्रयोग करना ; इसलिये यह एक सैद्धांतिक विज्ञान है । 

( 3 ) समाजशास्त्र तथ्यात्मक तथा अमूर्त विज्ञान है- समाजशास्त्र में समाज क्या है ' का अध्ययन किया जाता है । इसलिए यह वास्तविकता से संबद्ध विज्ञान है । यह सामाजिक घटना की व्याख्या एक सामाजिक तथ्य व सामाजिक प्रक्रिया के रूप में करता है । इसलिए यह एक अमूर्त विज्ञान है । 

( 4 ) समाजशास्त्र अनुभवात्मक सामान्य विज्ञान है- समाजशास्त्र एक तार्किक तथा अनुभवात्मक विज्ञान है क्योंकि इसमें केवल उन्हीं घटनाओं , तथ्यों का अध्ययन किया जाता है जो तार्किक तथा अनुभवशील हैं । यह संपूर्ण समाज व उसके विभिन्न पक्षों का सामान्य अध्ययन है । अतः यह एक तार्किक , अनुभवात्मक तथा सामान्य विज्ञान है ।

समाजशास्त्र को आगस्ट काम्ट के योगदान 

समाजशास्त्री आगस्ट काम्ट को समाजशास्त्र का जनक माना जाता है क्योंकि उन्होंने सर्वप्रथम समाजशास्त्र को विज्ञान मानते हुए उसका वैज्ञानिक ढंग से अर्थ बताया था । उनके अनुसार समाजशास्त्र शब्द दो अलग - अलग भाषाओं के शब्दों से बना है जिनमें प्रथम शब्द Socious लेटिन भाषा का है जिसका अर्थ समाज से लिया जाता है , जबकि दूसरा शब्द Logus जो कि ग्रीक भाषा का है जिसका अर्थ शास्त्र या विज्ञान से लिया जाता । इस प्रकार से समाजशास्त्र शब्द का शाब्दिक अर्थ सामाजिक विज्ञान से लिया जाता है । इस प्रकार से समाजशास्त्र समाज का , सामाजिक सम्बन्धों का , सामाजिक समूहों का तथा सामाजिक अन्तःक्रियाओं का क्रमबद्ध एवं व्यवस्थित रूप से अध्ययन करता है । 



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