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जनवरी, 2022 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

व्यावहारिक समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषाएँ

व्यावहारिक समाजशास्त्र का अर्थ व्यावहारिक समाजशास्त्र , समाजशास्त्र की वह शाखा है , जो समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का प्रयोग सामाजिक समस्याओं एवं व्याधिकीय स्थिति को ज्ञात करने , उन्हें दूर करने के उपाय सुझाने एवं सामाजिक पुनर्निर्माण करने के लिए करती है । हम इस बात को जानते हैं कि प्रत्येक विज्ञान के सैद्धान्तिक और व्यावहारिक दो पक्ष होते हैं । इस आधार पर समाजशास्त्र के भी सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दो पक्ष होते हैं । समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का व्यावहारिक प्रयोग ही समाजशास्त्र का व्यावहारिक समाजशास्त्र समाज से सम्बन्धित एवं दैनिक तथा वास्तविक जीवन में हमारे सामने आने वाली कठिनाइयों को समझने , उनके कारणों को ढूँढ़ने एवं उन्हें हल करने के उपाय सुझाने आदि का प्रयत्न करता ।  व्यावहारिक समाजशास्त्र की परिभाषा ग्रोब्स तथा पूरे के अनुसार , " जैसा कि विषय नाम से प्रत्यक्ष रूप में प्रकट होता है , व्यावहारिक समाजशास्त्र का मुख्य कार्य सामाजिक अनुभव की समस्याओं के विषय में सूचना प्राप्त करना और उनको सुधारना तथा यदि सम्भव हो तो उनके समाधान की पद्धतियों को खोज निकालना है ।  सारजेन्ट फ्लोरेन...

समाजशास्त्र की प्रकृति

समाजशास्त्र की वास्तविक प्रकृति ( 1 ) समाजशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है , प्राकृतिक विज्ञान नहीं - समाजशास्त्र का सम्बन्ध समाज , सामाजिक घटनाओं , सामाजिक प्रक्रियाओं , सामाजिक सम्बन्धों तथा अन्य सामाजिक पहलुओं से है , अतः समाजशास्त्र एक सामाजिक विज्ञान है । प्रत्यक्ष रूप से इसका प्राकृतिक या भौतिक वस्तुओं से कोई सम्बन्ध नहीं है , अतः यह प्राकृतिक विज्ञान नहीं है । समाजशास्त्र स्वयं सम्पूर्ण सामाजिक विज्ञान नहीं है , अपितु सामाजिक विज्ञान की एक शाखा है ।  ( 2 ) समाजशास्त्र एक वास्तविक ( निश्चयात्मक ) विज्ञान है , आदर्शात्मक नहीं - समाजशास्त्र वास्तविक घटनाओं का अध्ययन , जिस रूप में वे हैं , करता है तथा विश्लेषण में किसी आदर्श को प्रस्तुत नहीं करता या अध्ययन के समय किसी आदर्शात्मक दृष्टिकोण को नहीं अपनाता , अतः यह एक वास्तविक विज्ञान है , आदर्शात्मक नहीं । अवलोकन प्रविधि द्वारा आँकड़ों के संकलन तथा कार्य - कारण सम्बन्धों के अध्ययन पर बल देने के कारण भी यह एक वास्तविक विज्ञान है । समाजशास्त्र इस बात का अध्ययन नहीं करता कि क्या होना चाहिए अपितु इस बात का अध्ययन करता है कि वास्तविक स्थि...

समाजशास्त्र का अर्थ एवं परिभाषा

समाजशास्त्र का अर्थ सोशियोलॉजी ( Sociology ) शब्द दो विभिन्न स्थानों के शब्दों के योग से बना है । इसका प्रथम शब्द सोशियस ( Socius ) है जो लैटिन भाषा से लिया गया है जिसका शाब्दिक अर्थ ' समाज ' ( Society ) है । द्वितीय शब्द ' लोगस ' ( Logas ) है जो ग्रीक भाषा से लिया गया है तथा जिसका शाब्दिक अर्थ , शास्त्र अथवा विज्ञान ( Science ) है । अतः समाजशास्त्र का शाब्दिक अर्थ ' समाज का शास्त्र ' अथवा ' समाज का विज्ञान ' है । इस सम्बन्ध में रॉबर्ट बीरस्टीड ( Robert Biersted ) का कहना है कि “ इस विज्ञान का नाम दो भाषाओं का एक अवैध सम्बन्ध है । " उपर्युक्त कथन से स्पष्ट होता है कि समाजशास्त्र वह विज्ञान है जो समाज का क्रमबद्ध ( Systematic ) तथा संगठित अध्ययन करता है । हम समाजशास्त्र में ' समाज ' शब्द से आशय ' मानव समाज ' से लगाते हैं । समाजशास्त्र मानव समाज का वैज्ञानिक अध्ययन करता है । समाजशास्त्र की परिभाषा वार्ड के अनुसार , “ समाजशास्त्र समाज का वैज्ञानिक अध्ययन है ।  गिडिंग्स के अनुसार , “ समाजशास्त्र समग्र रूप से समाज का व्यवस्थित वर्णन और व...

उपकल्पना के स्रोत(Sources of Hypothesis)

गुडे एवं हट्ट ने मैथड्स इन सोशियल रिसर्च में उपकल्पना के चार प्रमुख स्रोतों का उल्लेख किया है , जिन्हें उपकल्पना स्रोत की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण माना जाता है , वे अग्रांकित है। ( 1 ) सामान्य संस्कृति ( General Culture ) - व्यक्तियों की गतिविधियों को समझने का सबसे अच्छा तरीका उनकी संस्कृति को समझना है । व्यक्तियों का व्यवहार एवं उनका सामान्य चिन्तन बहुत सीमा तक उनकी अपनी संस्कृति के अनुरूप ही होता है । अतः अधिकांश उपकल्पनाओं का मूल स्रोत वह सामान्य संस्कृति होती है जिसमें विशिष्ट  विकास होता है । संस्कृति लोगों के विचारों , जीवन - प्रणाली तथा मूल्यों को प्रभावित करती है । अतः प्रमुख सांस्कृतिक मूल्य प्रत्यक्षतः शोध कार्य की प्रेरणा बन जाते हैं । उदाहरण के लिए जैसे पश्चिमी संस्कृति में व्यक्तिगत सुख , भौतिकवाद ( Materialism ) , सामाजिक गतिशीलता , प्रतिस्पर्द्धा एवं सम्पन्नता आदि पर अधिक जोर दिया जाता जबकि भारतीय संस्कृति में दर्शन , आध्यात्मिकता , धर्म , संयुक्त परिवार , जाति प्रथा का गहन प्रभाव दिखाई देता है । इस प्रकार अपनी सामान्य संस्कृति भी अनुसन्धान को उपकल्पना के लिए स्रोत प्...