व्यावहारिक समाजशास्त्र का अर्थ व्यावहारिक समाजशास्त्र , समाजशास्त्र की वह शाखा है , जो समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का प्रयोग सामाजिक समस्याओं एवं व्याधिकीय स्थिति को ज्ञात करने , उन्हें दूर करने के उपाय सुझाने एवं सामाजिक पुनर्निर्माण करने के लिए करती है । हम इस बात को जानते हैं कि प्रत्येक विज्ञान के सैद्धान्तिक और व्यावहारिक दो पक्ष होते हैं । इस आधार पर समाजशास्त्र के भी सैद्धांतिक एवं व्यावहारिक दो पक्ष होते हैं । समाजशास्त्रीय सिद्धान्तों का व्यावहारिक प्रयोग ही समाजशास्त्र का व्यावहारिक समाजशास्त्र समाज से सम्बन्धित एवं दैनिक तथा वास्तविक जीवन में हमारे सामने आने वाली कठिनाइयों को समझने , उनके कारणों को ढूँढ़ने एवं उन्हें हल करने के उपाय सुझाने आदि का प्रयत्न करता । व्यावहारिक समाजशास्त्र की परिभाषा ग्रोब्स तथा पूरे के अनुसार , " जैसा कि विषय नाम से प्रत्यक्ष रूप में प्रकट होता है , व्यावहारिक समाजशास्त्र का मुख्य कार्य सामाजिक अनुभव की समस्याओं के विषय में सूचना प्राप्त करना और उनको सुधारना तथा यदि सम्भव हो तो उनके समाधान की पद्धतियों को खोज निकालना है । सारजेन्ट फ्लोरेन...
यह blog समाजशास्त्र विषय से सम्बंधित है इससे आपको B.A ,M.A, तथा UGC NET in sociology में काफी help मिलेगी।