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विज्ञान क्या है ( What is Science )

आधुनिक युग में विज्ञान शब्द का प्रयोग बहुत प्रचलित है । सम्पूर्ण मानवीय जीवन विज्ञान से प्रभावित हुआ है । विज्ञान के अर्थ को लेकर अनेक धारणाएँ प्रचलित हैं जो यांत्रिकी से लेकर औद्योगिकी तक चलती हैं । कुछ लोग विज्ञान का प्रयोग केवल प्राकृतिक विज्ञानों ( Natural Science ) के लिए करते हैं तो कुछ लोग केवल प्रयोगशाला पद्धति ( Laboratory Method ) को ही विज्ञान मानते हैं ।

विज्ञान का अर्थ

विज्ञान शब्द अंग्रेजी के Science का हिन्दी रूपान्तरण है । अंग्रेजी का ' Science ' शब्द लैटिन भाषा के ' Scia ' से बना है , जिसका आशय है जानना । इस प्रकार विज्ञान यथार्थ ( Reality ) के अध्ययन , पर्यवेक्षण एवं प्रयोग के द्वारा प्राप्त तथ्यों के सामान्यीकरण द्वारा ज्ञान प्राप्ति का एक उपागम ( Approach ) है । कुछ विद्वान् यह मानते हैं कि

विज्ञान अध्ययन की वह शाखा है जो अवलोकन ( Observation ) , तथ्यों के वर्गीकरण एवं आगमन ( अनुमान ) और उपकल्पनाओं ( Hypothesis ) के आधार पर साधारण नियमों की परीक्षा करता है । इस प्रकार हम देखते हैं कि विज्ञान तथ्यों ( Facts ) का अध्ययन है और यथार्थ तथ्यों की खोज करता है । विज्ञान कार्य - कारण के सम्बन्धों के आधार पर सार्वभौमिक एवं प्रामाणिक नियमों के सहारे भविष्यवाणी भी कर सकता है । कार्य - कारण एवं सार्वभौमिक नियमों के विश्वास पर ही विज्ञान की नींव टिकी हुई है ।

विज्ञान की परिभाषा

आर . ब्रेथवेट ( R. Breethwet ) साइन्टिफिक एक्सप्लेनेशन में लिखते हैं कि " विज्ञान उन आनुभाविक घटनाओं अथवा वस्तुओं के व्यवहारों को सम्मिलित करने वाले सामान्य नियमों की स्थापना करता है , जिससे वर्तमान विज्ञान सम्बन्धित है और इनके द्वारा अलग - अलग ज्ञान घटनाओं के ज्ञान को एक साथ सम्बन्धित करने में हमें समर्थ बनाता है तथा अब तक अज्ञात घटनाओं की विश्वसनीय भविष्यवाणी करता है ।

विज्ञान इस प्रकार सांसारिक विचारों एवं सांसारिक प्रघटनाओं के मध्य सम्बन्ध को स्पष्ट करने के लिए मानवीय मस्तिष्क एक प्रयास है । विज्ञान का समस्त महत्त्वपूर्ण विचार यथार्थ एवं इसे समझने के हमारे प्रयास के नाटकीय संघर्षों के कारण उत्पन्न हुआ है । 

गुडे एवं हट्ट ( Goode and Hutt ) भी इस मत के हैं । आपके अनुसार “ विज्ञान .समस्त अनुभवसिद्ध संसार के प्रति दृष्टिकोण की एक विधि ( Method of Approach ) है।

चर्चमैन तथा एकॉफ ( Churchman and Ackoff ) विज्ञान को एक पद्धति के रूप में न मानकर एक विशेष क्रिया के रूप में मानते हैं । आपके मतं में " विज्ञान एक कुशल अन्वेषण है । ”

एल.एल. बर्नार्ड ( L.L. Bernard ) विज्ञान की पद्धति को कुछ विशेषताओं के आधार पर स्पष्ट करते हैं । आपका मानना है कि " विज्ञान को इसमें निहित छः मुख्य प्रक्रियाओं के सन्दर्भ में ही परिभाषित किया जा सकता है । ये प्रक्रियाएँ हैं- परीक्षण , सत्यापन , पारिभाषिक विवेचना , वर्गीकरण , संगठन तथा परिस्थितिजन्यता , जिसमें पूर्वानुमान तथा व्यावसायिक उपयोग की विशेषताओं का भी समावेश है । " 

कार्ल पियर्सन ने अपनी कृति ग्रामर ऑफ साइन्स में कहा है कि “ तथ्यों का वर्गीकरण , उनके क्रमों की स्वीकारोक्ति और सापेक्षिक महत्त्व को जानना हो विज्ञान का प्रमुख कार्य है । ” कार्ल पियर्सन ने तथ्यों के वर्गीकरण और उनकी क्रमबद्धता ' के महत्त्व को विज्ञान के कार्यों के साथ जोड़ा है । 

गिलिन एवं गिलिन तथा अन्य अनेक समाज वैज्ञानिकों ने भी विज्ञान को एक ( Method ) ही माना है । 

व्हाइट ( White ) ने लिखा है कि विज्ञान वैज्ञानीकरण है । 

विज्ञान की विशेषता

1. विज्ञान तथ्यात्मक होता है ।

2. विज्ञान कार्य - कारण सम्बन्धों की खोज करता है ।

3. विज्ञान सार्वभौमिक होता है 

4. विज्ञान प्रामाणिक होता है । 

5. विज्ञान भविष्यवाणी कर सकता हैं 



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