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आधुनिकता की परिभाषा और विशेषता

 आखिर देश के लोगों के उपभोग की वस्तुओं में ऐसी बेलादाद वृद्धि क्यों हुई है ? यह क्या वजह है कि आये दिन नये टूथपेस्ट , नये केश तेल , और नये रि - फिल पेन लोगों को प्रस्तुत किये जा रहे हैं ? स्पष्ट है बाजार की बहुत बड़ी रुचि वस्तुओं की बिक्री में है और यही आधुनिकता का लक्षण है ।

आदमी , औरत और बच्चों के पौशाक के उपभोग भी बदल गये हैं । इनमें आधुनिकता के कारण सजातीयता आने लगी है । स्त्रियों की पोशाक में तो यह सजातीयता बहुत बढ़ गई है । सलवार - कमीज जो पहले केवल पंजाबी स्त्रियों की पोशाक थी , सारे देश की स्त्रियों की पोशाक हो गई है । पिछले दिनों में सौन्दर्य प्रसाधन ( Cosmetic ) सामग्री की व्यापकता इतनी बढ़ी है कि अब गांवों में ब्यूटी पार्लर खुल गये हैं और नहाने के साबुन तथा रंग - रोगन का उपभोग सामान्य जन तक होने लगा है । मध्यम वर्ग के लोग अधिकाधिक रूप से डिजाइनर पोशाकों को पहनने लगे हैं , सुगन्धित साबुन का प्रयोग करने लगे हैं , नित नई वस्तुओं के प्रयोग में रुचि रखने लगे हैं ।

आधुनिकता की परिभाषा

 आधुनिकता की अवधारणा को स्पष्ट करते हुए समाजशास्त्रियों ने इसे परिभाषित किया है

मैरियन जे . लेवी  ने आधुनिकता को प्रौद्योगिक वृद्धि के रूप में परिभाषित किया है और लिखा है कि “ मेरी आधुनिकता की परिभाषा शक्ति के जड़ स्त्रोतों और प्रयत्न के प्रभाव को बढ़ाने के लिए उपकरणों के प्रयोग पर आधारित है । मैं इन दो तत्वों में से प्रत्येक को निरंतरता का आधार मानता हूँ । ” उपरोक्त परिभाषा कि लेवी ने शक्ति के जड़ स्त्रोत जैसे - पेट्रोल , डीजल , कोयला , जल विद्युत , अणुशक्ति और यन्त्रों के प्रयोग को आधुनिकता एवं आधुनिकीकरण के आधार के रूप में माना है । किसी समाज विशेष को कितना आधुनिक कहा जायेगा , यह इस बात पर निर्भर करता है कि वहाँ जड़ शक्ति तथा यन्त्रों का कितना प्रयोग हुआ है ।

डॉ . योगेन्द्र सिंह  ने बताया है कि साधारणतः आधुनिक होने का अर्थ फैशनेबल से लिया जाता है । वे आधुनिकता को एक सांस्कृतिक प्रयत्न मानते हैं जिसमें तर्क संबंधि मनोवृति, दृष्टिकोण , संवेदना , वैज्ञानिक विश्व दृष्टि , मानवता , प्रौद्योगिक प्रगति आदि सम्मिलित हैं । ये आधुनिकता पर किसी एक ही जातीय समूह या सांस्कृतिक समूह का स्वामित्व नहीं मानते वरन् सम्पूर्ण मानव समाज का अधिकार मानते हैं ।

सी.ई. ब्लेक आधुनिकता एक ऐसी मनोवृत्ति का परिणाम है जिसमें यह विश्वास किया जाता है कि समाज को बदला जा सकता है और बदला जाना चाहिए तथा परिवर्तन वांछनीय है । आधुनिकता में व्यक्ति को संस्थाओं के बदलते हुए कार्यों के अनुरूप समायोजन करना होता है , इससे व्यक्ति के ज्ञान में वृद्धि होती है जिसके परिणामस्वरूप वह पर्यावरण पर नियन्त्रण प्राप्त कर लेता है

आधुनिकता की विशेषता

( 1 ) आधुनिकता व्यापक अवधारणा है - आधुनिकता एक अवधारणा है जिसमें गतिशीलता है । यह मानव जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में देखने को मिलती है । वास्तव में , आधुनिकता का प्रभाव सबसे पहले साहित्य और कला में आया । इसी कारण इस अवधारणा को व्यापक कहा जाता है । यह व्यापकता इसका बहुत बड़ा लक्षण है ।

( 2 ) आधुनिक समाज का आविर्भाव पन्द्रहवीं शताब्दी से है  - यद्यपि यह निश्चित रूप से नहीं कहा जा सकता कि आधुनिक समाज का उदय कब से हुआ फिर भी लगभग यह स्वीकार करते हैं कि इस समाज का प्रारम्भ 15 वीं , 16 वीं शताब्दी से है । आज जिसे हम आधुनिक समाज कहते हैं , जिस अर्थ में इसे समझते हैं , वास्तव में इसका आविर्भाव तो पुनर्जागरण या ज्ञानोदय से है । इसके बाद औद्योगिक क्रान्ति , फ्रांस की राज्य क्रान्ति आये । क्रान्ति के लक्षण आधुनिक समाज में अन्तर्निहित है अर्थात् आधुनिक समाज कई क्रान्तियों की उपज भी है । 

( 3 ) आधुनिकता उद्विकास का परिणाम है - विश्व में क्रांतियों ने आधुनिकता को जन्म दिया और फिर आधुनिकता का उद्विकास प्रारम्भ हो गया । कुछ ऐसी ऐतिहासिक जटिल प्रक्रियाएँ आई जिन्होंने आधुनिकता के विकास को एक वैश्वीय स्वरूप प्रदान किया । धर्मनिरपेक्ष राज्य , वैश्वीय पूँजीवादी अर्थव्यवस्था , सामाजिक निर्माण , वर्ग और विकसित श्रम विभाजन ऐसी प्रक्रियाएँ रही हैं जिन्होंने आधुनिकता के उद्विकास को नई दिशा प्रदान की है । 

( 4 ) आधुनिकता का विकास राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय प्रक्रियाओं के कारण हुआ है  - पश्चिमी देशों तथा अमेरिका में आधुनिकता का विकास राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय अन्त क्रियाओं के कारण हुआ है । इन देशों का दूसरे देशों के साथ आर्थिक तथा सांस्कृतिक सम्बन्ध हुआ और इस तरह आधुनिक समाज की उपस्थिति सारी दुनियाँ में हो गई ।

( 5 ) आधुनिकता पूँजीवाद , औद्योगीकरण और धर्मनिरपेक्षता है  - आधुनिकतावादी लेखक एक - दूसरे से असहमति रखते हैं । कोई किसी एक तथ्य पर जोर देता है और दूसरा किसी और पर । उदाहरण के लिये गिडिन्स पूँजीवाद , उद्योग , प्रशासनिक शक्ति , सैनिक शक्ति आदि पर जोर तो देते ही हैं , पर वे यह बराबर कहते हैं कि आधुनिकता इन सब प्रक्रियाओं का गठबन्धन है ।  

( 6 ) आधुनिकता में उपभोक्ता वस्तुओं की प्रचुरता है  - आधुनिक समाज में वस्तुओं की कोई कमी नहीं हैं । सारी दुनियाँ ही बाजार है । देखते ही देखते एक भाग की वस्तुएँ दूसरे भाग में पहुँच जाती है । इन वस्तुओं में जहाँ समानता है , वहीं विभिन्नता भी । इस भाति जीवन - शैली भी व्यापक हो गई है ।

( 7 ) वैश्वीकरण और उसके आर्थिक , राजनैतिक और सांस्कृतिक पक्ष आधुनिकता के आवरण को संवारते है ।  - आधुनिकता का सम्बन्ध वैश्वीकरण से है । देखा जाये तो प्रारम्भिक अवस्था में वैश्वीकरण ने ही आधुनिकता को पाला - पोसा था । आज वैश्वीकरण का फैलाव और इसका प्रसार बहुत अधिक हो गया है । अब कई नई राष्ट्रीय और अन्तर्राष्ट्रीय संस्थाओं का आर्विभाव हुआ है जिसने सम्पूर्ण समाज को अपने आगोश में ले लिया है ।

( 8 ) आधुनिकता एक तकनीकी तंत्र - कुछ समाजशास्त्री आधुनिक समाज को तकनीकी तंत्र का समाज कहते हैं । इनके अनुसार आधुनिकता का बहुत बड़ा लक्षण तकनीकी तंत्र है । जेक्यूज ईल्लल ने कुछ समय पहले अपनी पुस्तक द टेक्नोलोजिकल सोसायटी में तकनीकी तंत्र की व्यवस्था की है । वे तो आधुनिक समाज और तकनीकी तंत्र समाज को पर्यायवाची मानते हैं ।

( 9 ) आधुनिकता में नवीनतम भी सम्मिलित है - समाजशास्त्रियों का एक समूह आधुनिकता को काल या समय के साथ भी जोड़ता है । इसके अनुसार जिनके पास नवीनतम वस्तुएँ हैं , वह आधुनिक हैं । जिसके पासजितनी अधिक नवीनतम वस्तुएँ होती हैं , वह उतना ही अधिक नवीनतम होता है । मोटरकार तो कई परिवारों में होती हैं लेकिन जिसके पास नवीनतम मोटरकार होती है , ही अधिक आधुनिक होता है । 

( 10 ) आधुनिकता एकाकीपन , प्रतियोगिता और उत्तेजित असंतोष है  - आधुनिकता एक विशेष प्रकार की जीवन - शैली है । इसमे सम्पूर्ण समाज का चरित्र बौखलाया हुआ - सा लगता है । हर आदमी दौड़ता दिखाई देता है । भीड़ में भी वह एकदम अकेला महसूस करता है । अकेलापन उसकी नियति हो जाती है । दूसरा , वह जीवन के प्रत्येक क्षेत्र प्रतियोगिता करता दिखाई देता है । रात और दिन भागदौड़ करते हुए भी कहीं उसे संतोष नहीं मिलता । उसका यह असंतोष तो कभी - कभी उत्तेजित हो जाता है । आधुनिकता लक्षण - एकाकीपन , प्रतियोगिता और असंतोष , मनुष्य की मनःस्थिति को दर्शाते हैं । 

( 11 ) वैश्वीकरण , उदारीकरण और निजीकरण , आधुनिकता से सम्बन्धित - कुछ समाजशास्त्रियों का विचार है कि आधुनिकता की व्यापकता उसमें निहित वैश्वीकरण , उदारीकरण और निजीकरण में है । पहले आधुनिकता थी । इसमें औद्योगीकरण था । लेकिन आज इसमें कई मूल्यों का समावेश हो गया है । वैश्वीकरण अपने आप में बहुत बड़ा मूल्य है । यह वैश्वीकरण ही उदारीकरण और निजीकरण प्रोत्साहित करता है । इसीलिये इन सब मूल्यों को हम आधुनिकता के सम्बन्धी कहते हैं।

आधुनिकता पर समाजशास्त्रियों द्वारा लिखी गई पुस्तक

  • दि कोन्सीक्वेन्सेज़ ऑफ मॉडरनिटी।  ( एन्थोनी गिडेन्स )
  • मॉडर्नाइजेशन ऑफ इण्डियन ट्रेडिशन।  ( योगेन्द्र सिंह )
  • मिस्टेकन मॉडर्निटी।   ( दिपांकर गुप्ता )



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